उम्र एक पड़ाव है सपनो को पूरा करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती। ऐसा ही कर दिखाया है पंजाब की हरभजन कौर ने 96 साल की उम्र में इस महिला ने अपना स्टार्टअप शुरू किया। हरभजन कौर चंडीगढ़ में 110 वर्ष पुरानी रेसिपी से व्यंजन बना लोगों दे दिल में ख़ास जगह बना रही हैं। उन्होंने अपना स्टार्टअप बेसन की बर्फी व टमाटर की चटनी से शुरू किया था और अब तमाम तरह के व्यंजन बनती हैं। उम्र के इस पड़ाव में हरभजन ने चंडीगढ़ के सेक्टर-18 ऑर्गेनिक मंडी में स्टाल लगाया। उनके इस जज़्बे को देख बहोत से लोग प्रभावित हो रहे हैं। लोग इनको अब ग्लोबल नानी के नाम से पुकारते हैं। एक इंटरव्यू में हजारबजन ने कहा की ‘ मैं सिर्फ ग्लोबल नानी ही नहीं एक इन्फ्लुएंसर भी हूँ। हरभजन के इसी हौसले ने उनके सपनो को उड़ान दी और आज हरभजन कौर को सबसे उम्रदराज बिज़नेस वीमेन की क़तर में ला खड़ा किया है।
बेटी के सपोर्ट ने दी सपनो को उड़ान
पंजाब के अमृतसर के निकट तरणताल गांव में पैदा हुई हरभजन कौर शादी के बाद अपनी गृहस्थी बसाने लुधियाना आ गईं। अपने पति के साथ इन्होने अपनी पारिवारिक जिंदगी एक गृहणी के रूप में यहीं गुज़ारी। 90 साल की उम्र में पति गुज़र गए जिसके बाद हरभजन कौर अपनी बेटी के साथ रहने लगीं। उनके स्टार्टअप की शुरुआत भी यहीं पर हुई। एक इंटरव्यू के दौरान ग्लोबल नानी ने बताया कि मेरे इस सफर की शुरुआत मेरी बेटी के सवालों से शुरू हुआ। बेटी ने मुझसे मेरे जीवन के अधूरी ख्वाहिस के बारे में पूछा। फिर मैंने बताया कि अपनी जिंदगी से मुझे कोई शिकायत नहीं जीवन में मुझे हर ख़ुशी मिली।हाँ दिल में एक कसक ज़रूर है कि मैंने जीवन में कभी खुद अपने लिए कुछ नहीं किया, मेरा पूरा जीवन दूसरों पर निर्भर रहा है। पहले पिता फिर पति और अब बच्चों के सहारे है। फिर बेटी ने पूछ लिया क्या करना चाहती हो और फिर बेटी के स्पोर्ट से सपनो को रास्ता मिल गया।
पहले दिन बिक गई थी पूरी बर्फी और चटनी
हरभजन कौर ने चंडीगढ़ सेक्टर-18 में स्टाल लगा पहले दिन ही सारी बर्फी और चटनी बेच दी थीं। उन्होंने बताया की उनके पिता बहोत अच्छा पकवान बनाते थे और उन्होंने उनसे ही खाना बनाना सीखा है। पहले दिन उन्होंने 5 किलो बेसन की बर्फी और 12 बोतल टमाटर की चटनी बनाई थी जो लोगों को इतनी पसंद आयी की सब की सब बिक गई थीं। पहले दिन 3000 रुपये की बिक्री हुई थी जिसे पाकर मै बहोत खुश थी, ये मेरे जीवन की पहली कमाई थी। वो अनुभव मेरे लिए बहोत अहम था और उसने मुझमे इतनी ताकत भर दी की फिर मैंने वापस मुड के पीछे नहीं देखा।
ग्लोबल नानी के मेनू में हैं और भी डिश
ग्लोबल नानी ने अपनी शुरुआत बेसन की बर्फी और टमाटर की चटनी से शुरू किया था मगर उनके हाथ के ज़ायके लोगों को इतना पसंद आया कि वक़्त के साथ-साथ उनके मेनू भी बढ़ते चले गए। ग्लोबल नानी बताती हैं कि उन्होंने खाना बनाना अपने पिता से सीखा था वो बहोत अच्छा खाना बनाते थे। उनके ही तरीके से ग्लोबल नानी 110 साल पुराने ज़ायके लोगों के बीच परोस रही हैं। वो बताती हैं कि बेसन की बर्फी के अलावा बादाम का शरबत, टमाटर की चटनी, नींबू से लेकर आम के सभी किस्म के अचार, दाल का हलवा, पिन्नी, पंजीरी और आइसक्रीम बनाती हूं। उम्र के इस पड़ाव पर किचन में नहीं जा पाती हूँ लेकिन बर्फी और बाकी सभी चीजें बनने के बाद पहले खुद चखती हूं। उसके बाद ही उन्हें बाजार में भेजती हूं।
महिंद्रा ने की ट्वीट तो सेलेब्रेटी से लेकर राजनेता भी हुए स्वाद के फैन
हरभजन के सफलता में भारत के उधोगपति आनंद महिंद्रा अहम योगदान रहा है। महिंद्रा ने 96 साल के बुजुर्ग का वीडियो जब ट्वीटर पर शेयर किया तो लोगों ने बहोत पसंद किया। और देश भर में उनकी चर्चा होने लगी। लोग ऑर्डर करने लगे और बिजनेस ने रफ्तार पकड़ ली। इसके बाद पंजाब के कई मंत्रियों ने भी हरभजन कौर की सराहना करते हुए ट्वीट्स किए, जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरसिमरत कौर बादल भी शामिल हैं।
गलोबल नानी की नातिन मल्लिका सूरी बताती हैं कि नानी के पास बॉलिवुड के तमाम सेलिब्रिटीज के भी आर्डर आने लगे वो बताती हैं कि जब नानी को धर्मा प्रोडक्शन से 10 डब्बे का आर्डर मिला तो वो बहुत खुश हुई थीं। फिर उसके बाद बॉलिवुड के दिग्गज सितारों के आर्डर आने लगे जिसमे जिसमे नीतू कपूर से लेकर अनिल कपूर तक शामिल हैं। ये सारी चीज़ें उनके लिए बहोत मायने रखती हैं. इसीलिए हम सब उनको ग्लोबल नानी भी कहते हैं।
कार्ड के साथ भेजे बेसन के लड्डू और ‘बचपन की यादें’ है टैग लाइन
गलोबल नानी की नातिन बताती हैं कि घर में सब पहले से ही नानी के हाथ से बने पकवान के दीवाने थे। और अब तो बाहर के लोग भी दीवाने होने लगे हैं और उनके बनाये पकवान इतना पसंद करने लगे हैं। हम लोग तो बचपन से ही बाहर का कुछ खाते ही नहीं थे। हमारी नानी सब कुछ घर पर ही बनाया करती थीं। अचार से लेकर बर्फी और जैम से लेकर स्क्वैश तक वह घर पर ही बना देती थीं। ऐसे में जब हम लोगों ने नानी के पकवान ऑनलाइन बेचने का प्लान किया तो उसकी टैग लाइन ‘बचपन की यादें’ रखा।
मल्लिका आगे बताती है कि शुरू के कुछ साल तक तो आर्डर काम ही आते थे। इस बीच जब मेरी शादी पड़ी तो इस पर उन्होंने एक अलग प्लान बनाया. 350 लोगों को शादी के कार्ड के साथ-साथ अपने हाथों से बनाकर आधा किलो बर्फी, एक बोतल जैम और एक शीशी अचार लोगों को भेज। इसे जिन-जिन लोगों ने खाया, सब फैन हो गए और इसके बाद लगातार ऑर्डर आने लगे।
हौसले और कोशिशों से मिलती है सफलता
ग्लोबल नानी बताती हैं कि उनकी बेटी रवीना उनकी सपोर्ट सिस्टम हैं उनके सपोर्ट्स से ही ये सब मुमकिन हुआ है। रवीना ही अब उनकी दिनचर्या बनाती हैं जिसको वो फॉलो करती हैं। उनका मानना है कि कभी भी जीवन में इतनी देर नहीं होती है, कि फिर से शुरुआत न की जा सके। अगर वह जीवन के इस पड़ाव में जहाँ वो 90 वर्ष की उम्र में होकर भी कर सकती हैं, तो कोई भी कर सकता है। शुरुआत ज़रूरी है एक बार बनाओ बिगड़ जाएगा, दूसरी बार फिर बनाओ शायद फिर बिगड़ जाए, अपनी कमी को पहचानो और फिर कोशिश करो एक न एक दिन ज़रूर बन जाएगा। बस जीवन में कभी हार मत मनो और उम्मीद का दामन थामे रखो सफलता ज़रूर मिलेगी।