उत्तर प्रदेश- यूपी 2022 के विधानसभा चुनाव को अब बस 6 महीनें बाकी है। ऐसे में सभी राजनितिक दल में हलचल होना लाजमी है। बता दें कि यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनितिक पार्टिया अपने-अपने बयानों को लेकर चर्चा में है। इस दौरान राजनितिक पार्टियों में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।
बता दें कि न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक टिकैत ने 14 सितंबर को बागपत में कहा था ,”बीजेपी के चाचाजान असुदद्दीन औवेसी उत्तर प्रदेश में आ चुकें है। अगर वह {औवेसी} उन्हें {भाजपा} को गाली देते तो भी वे उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं करेंगे वे एक टीम है” दरसल बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने बीते रविवार को कुशीनगर में अब्बाजान के बयान से सियासत तेज हो गई है और राजनितिक दलों में आरोप प्रत्यारोप शुरू हो चूका है।
आपको बता दें कि टिकैत के इस बयान पर एआईएमआईएम के यूपी चीफ शौकत अली ने पलटवार किया है कि टिकैत शार्टकट अपनातें हुए एक पॉलिटिकल लीडर बनना चाहते है। उनका दावा है कि टिकैत ने पिछले चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का सर्मथन किया और अब भगवा पार्टी के निर्देश में बीजेपी पर निशाना साध रहे है।
इस दौरान योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा का कहना है, ”ओवैसी किसकी लैला हैं और कौन उनका मजनू है? अब्बा जान के बाद अब चाचा जान भी आ गए। अब चाचा जान के बाद सारे भाई जान परेशान हैं कि आखिर 2022 में हम करें क्या, जाएं तो जाएं कहां न अब्बा जान साफ कर रहे हैं, ना चाचा जान साफ कर रहे हैं, तो ये लैला मजनू के खेल में भाई जान परेशान हैं.”
वही दूसरी तरफ टिकैत के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है कि , ”राकेश टिकैत सियासत में हाथ आजमा चुके हैं और मुंह की खा चुके हैं. उन्होंने पहले भी चुनाव लड़े हैं और हर बार बुरी तरह पराजित हुए हैं इसीलिए वह किसान आंदोलन के नाम पर अपने लिए राजनीतिक जीवन तलाश करने का प्रयास कर रहे हैं और इसीलिए बार-बार उनकी जुबान पर राजनीति आ जाती है आज वह असदुद्दीन ओवैसी के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन राकेश टिकैत जान लें कि वह कितनी भी कोशिश कर लें, एसपी, बीएसपी और कांग्रेस के लिए फील्डिंग लगाने की, लेकिन बीजेपी किसान के साथ है और किसान बीजेपी के साथ.”