प्रतिभा किसी अवसर की मोहताज नहीं होती और कुछ करने की अगर मन से ठान लिया जाये तो किसी सपने को साकार करना कोई मुश्किल काम नहीं। प्रतिभावान लोग किसी अवसर के इंतज़ार में नहीं बैठते हैं। राजस्थान के बजरंग की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।राजस्थान के चूरू जिला में एक 25 वर्षीय युवक ने अपनी ज़िद मेहनत व लगन से एयरक्राफ्ट Aircraft बना दिया है। गांव में एक छोटी दुकान चलाने वाले बजरंग ने कार के इंजन से ही बना दिया 2 सीटर एयरक्राफ्ट।
बजरंग के ज़िद व मेहनत ने 8 साल में बनाया एयरक्राफ्ट Aircraft
चूरू जिले के राजदेसर कसबे के गांव दसपुर के रहने वाले बजरंग को बचपन से ही उड़ता हुआ जहाज़ देखना बहोत पसंद था। बजरंग के इसी जहाज़ देखने की ललक ने उन्हे जयपुर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट International Airport जाने पर मजबूर कर दिया। दरअसल बजरंग जहाज़ को ज़मीन से हवे में उड़ता और हवा से जहाज़ को ज़मीन पर उतरना देखना चाहते थे। एयरपोर्ट के सिक्योरिटी गार्ड ने बजरंग को एयरपोर्ट के अंदर जाकर प्लेन देखने नहीं दिया। एयरपोर्ट की इस घटना से बजरंग को बहोत दुःख हुआ और बजरंग ने दिल ही दिल ये ठान लिया की अब वो खुद का एयरक्राफ्ट Aircraft बनाएंगे। आखिरकार बजरंग ने 8 साल की कड़ी मेहनत के बाद खुद का प्लेन तैयार कर लिया है।
5 वीं कक्षा तक ही पढ़े हैं एयरक्राफ्ट Aircraft बनाने वाले बजरंग
कार के इंजन से हवाई जहाज़ बनाने वाले बजरंग के एक अध्यापक दानाराम बताते हैं की बजरंग बचपन में पढाई में कमज़ोर था और इसी वजह से 5 वीं के बाद की पढाई नहीं कर सका। सिर्फ 5 वीं तक पढ़े अपने शिष्य के इनोवेशन को देख उनके अध्यापक, परिवार एवं आस-पास के लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। बजरंग की ये कहानी उनके लोगों में प्रेरणा का श्रोत है।
गांव में चलाते हैं मोबाइल व लैपटॉप रिपेयरिंग कि दूकान
25 वर्षीय बजरंग उर्फ़ बृजमोहन अपने गांव दसपुर में ही एक छोटी सी मोबाइल व लैपटॉप रिपेयरिंग की दुकान चलाते हैं। दुकान ही उनकी कमाई का एक मात्र श्रोत है। बजरंगी के पिता ताराचंद कलवानिया खेती व मिस्त्री का काम करते हैं। बजरंग परिवार में सबसे छोटे हैं इनके दो बड़े भाई रामेश्वर व मदन खेती का काम करते हैं।
शिद्दत और करीबियों के मदद ने साकार किया सपना
शाहरुख़ खान की पिक्चर का डायलॉग ‘किसि चीज़ को अगर शिद्दत से चाहो तो सारी क़ायनात उसे पूरा करने में लग जाती है’ बजरंग पर सटीक बैठती है। बजरंग ने अपने सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत की और दूकान की सारी कमाई लगा दी पर फिर भी पैसे कम पड़ रहे थे ऐसे में 10-12 करीबियों ने बजरंग का साथ दिया जिससे उनका एयरक्राफ्ट तैयार हो सका। बजरंग ने इस एयरक्राफ्ट को बनाने में 15 लाख रु खर्च कर दिए हैं।
कार के इंजन से तैयार हुआ एयरक्राफ्ट
बजरंग के अनुसार जो एयरक्राफ्ट (Aircraft) उन्होंने बनाया है उसमे वैगनऑर (Wagon r) कार के इंजन का इस्तेमाल किया गया है। ये एक 2 सीटर एयरक्राफ्ट है जो 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ान भर सकता है। इस एयरक्राफ्ट में 45 लीटर का फ्यूल टैंक है। 45 लीटर ईंधन क्षमता वाले इस एयरक्राफ्ट से 150 किलोमीटर तक की दुरी तय की जा सकती है। अभी तक इस एयरक्राफ्ट ने उड़ान नहीं भरा है।
क्या अब पूरा हो जायेगा बजरंग का सपना
एयरपोर्ट के सिक्योरिटी द्वारा भगा दिए जाने के बाद बजरंग ने जो ज़िद बाँध ली थी उसको पूरा करने के लिए उन्होंने कठोर परिश्रम किया और आखिरकार बिना किसी एक्सपर्ट के ही उन्होने कार के इंजन का प्रयोग करके एयरक्राफ्ट तैयार कर लिया है। पर अभी तक उनके एयरक्राफ्ट ने उड़ान नहीं भरा है। अब बजरंग सरकार से इस एयरक्राफ्ट को उड़ाने की परमिशन मांग रहे हैं। कलेक्टर सिहाग ने बताया की बजरंग द्वारा बनाये गए एयरक्राफ्ट को उड़ाने की अनुमति उड्डयन मंत्रालय द्वारा करीब के पड़िहारा हवाई पट्टी पर दी जा सकती है। इतनी कम पढाई करने वाले बजरंग जिन्होंने ये एयरक्राफ्ट स्वयं से तैयार किया है इसकी जानकारी से उड्डयन मंत्रालय को अवगत कराया जायेगा।