भारत में त्योहारों का अपना एक अलग ही महत्व होता.त्योहार के इस मौसम में 4 नवम्बर को दीपावली है.ऐसे में बढ़ते तेल के दामों से लग तो यही रहा है कि रोशनी का त्यौहार कही जाने वाली दीपावली इस बार महंगाई की वजह से फीकी ना पड़ जाए.
पहले से ही पेट्रोल-डीजल के दाम ने देशवासियों की समस्या को बढ़ा दी है.वहीं अब सरसों की तेल की कीमत 200 पार कर गई है और घरेलू सामान के दाम आसमान छू रहे हैं.दरसल त्योहारों की मांग बढ़ने और तिलहन की कमी के कारण बीते सप्ताह बाजार में सरसों मूंगफली सोयाबीन समेत लगभग सभी तेल तिलहन के भाव बढ़ गए हैं.
तेल की कीमतों की बढ़ोतरी को देखते हुए बाजार के जानकारों का कहना है कि हालिया बरसात से तिलहन फसलों को हुए नुकसान के कारण भी खाद्य तेलों की कीमतों में आए-दिन बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में आम आदमी को महंगाई से राहत मिलने की वजह झटके लग रहे हैं.
महंगाई की आग में सरसों के तेल की छलांग- त्योहारों के इस मौसम में हर कोई उत्साहित होकर साल में आने वाली दीपावली के इस त्यौहार को काफी हर्षउल्लास के साथ मनाया जाता है. वही दूसरी तरफ त्योहारों के सीजन में घर की रसोईओं से तरह-तरह के पकवान की महक तो आना भी लाज़मी है. मगर इस बार महंगाई की मार त्यौहारों को फीका करते नजर आ रही है. कोरोना काल से पहले जो सरसों का तेल 100 से ₹110 प्रति लीटर बिक रहा था,वह सरसों का तेल महज एक साल बाद 190 से ₹200 प्रति लीटर बिक रहा है. वही रिफाइंड तेल की बात करें तो इस समय उसका भाव 180 से ₹195 प्रति लीटर के बीच बिक रहा है.
दिवाली के बाद और भी बढ़ सकते तेल के दाम- महंगाई का वार आमजन के रसोइयों पर सबसे पहले पड़ता है. फिर चाहे वह गैस के दाम हो या फिर तेल के दाम. ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में अभी सरसों का 10 से 12लाख टन का स्टॉक रह गया है. इसमें से भी ज्यादा स्टॉक किसानों के पास ही है. बढ़ते तेल की कीमतों को देखते हुए व्यापारियों का कहना है कि किसान तिलहन की फसलों के और दाम बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं.जिससे उन्हें उनके फसलों का सही और अच्छा दाम मिल सके. इस समय सरसों का भाव मंडियों में 9200 रूपये प्रति कुंतल है.त्यौहारों के इस मौसम में तेल की मांग लगातार बढ़ती दिख रही है.
गौरतलब है कि 25 अक्टूबर को केंद्र ने कहा था कि त्योहारी सीजन के दौरान माँग होने वाली वृद्धि को ध्यान में रखते हुए वह खाद्य तेलों की कीमतों पर नजर रखे हुए है और 25 अक्टूबर को एक आदेश पर राज्यों द्वारा की गई करवाई को समीक्षा करेगा. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोमवार, 25 अक्टूबर, 2021 को सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के साथ बैठक किया भी था ।
महंगाई की मार से बेरस हुई रसोई- जिस तरह से तेल के दाम जमीन छोड़ आसमान को छू रहे हैं. उससे तो यही लग रहा है कि इस बार की दिवाली कहींआमजन के लिए बेजायका ना पड़ जाए. बढ़ते तेल के दाम से परेशान महिलाओं का कहना है कि दिवाली हो या होली हो कोई भी त्यौहार हो इस दिन रसोइयों से तरह-तरह के पकवान बनाने की खुशबू आना जरूरी है. अगर ऐसे ही तेल और गैस के दाम बढ़ते ही रहेंगे तो कोई भी त्यौहार नीरस ही लगेंगे। क्योंकि इस महंगाई में आम आदमी खाएगा क्या और बचाएगा क्या?