उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है. हालांकि पिछले कुछ वर्षों से महंगाई पूरे देश से कभी भी टस से मस नहीं हुई फिर चाहे सरकार पक्ष की हो या फिर विपक्ष की हमेशा से महंगाई चरमराई ही रहती आई है. वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में आने वाले 2022 विधानसभा चुनाव को देखते हुए विपक्ष ने अपने हाथ में महंगाई का एक अहम मुद्दा पकड़ा हुआ है. पकडे भी क्यों न वास्तविकता में महंगाई आसमान छू रही है.
फिर चाहे वह पेट्रोल और डीजल के दाम हो या सब्जियों के या फिर रसोई घर के सिलेंडरों के दाम ही क्यों न हो महंगाई अब ताबड़तोड़ रिकॉर्ड बना रही है. इस महंगाई की वजह से एक आम जनता के पेट पर लगातार वार हो रहा है. जहां एक ओर विपक्ष महंगाई को चुनावी मुद्दा बनाकर सत्ता में रह रही सरकार पर निशाना साध रही. वही लोगों का मानना है कि भाजपा पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम को ही विकास का नाम दे रही है.
हाल में ही यूपी के मंत्री उपेंद्र तिवारी कहना था कि महँगे पेट्रोल से आम जनता को फ़र्क़ नहीं पड़ता क्योंकि 95% जनता को पेट्रोल की ज़रूरत नहीं है. ऐसे में एक आम आदमी महंगाई से मरेगा नहीं तो करेगा क्या?
18 महीने महंगा हुआ पेट्रोल- अगर बात करे डीजल पेट्रोल की कीमतों के बारे में तो पिछले 1 साल में तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इन 18 महीनों में पेट्रोल के दाम ₹36 तक बढ़ गया। मई 2020 में अब तक पेट्रोल की कीमत ₹36 प्रति लीटर और डीजल की कीमत26.58 रुपए की बढ़ोतरी हुई है.
घरेलू गैस सिलेंडरों के दाम- घर की रसोई तक महंगाई सबसे पहले पहुँचती है ऐसे में एक आम आदमी के लिए अपना जीवन यापन करना या यू कह दे कि अपने पेट को पालने के लिए ना जाने कितनी मशक्कत करनी पड़ती है. यह कहना गलत नहीं कि महंगाई का असर सबसे ज्यादा एक आम आदमी के जीवन पर पड़ता है. घरेलू गैस सिलेंडरों के दाम अब जमीन को छोड़ कर आसमान को छू रहे हैं.
गैस सिलेंडरों की कीमतों में ₹15 का इजाफा हो गया है. सरकारी तेल कंपनियों ने लोन सब्सिडी वाले एलपीजी गैस सिलेंडर रेस में इजाफा ही इजाफा किया है. आम जनता पर महंगाई का बोझ दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. बात करें यूपी की राजधानी लखनऊ में कमर्शियल सिलेंडर ₹36 महंगा हो गया है. आपको बता दें कि 1 दिसंबर 2020 को एलपीजी गैस की कीमत ₹594 से बढ़कर ₹644 हो गई थी.
1 जनवरी 2021 को ₹44 से बढ़कर ₹694 हो गई थी. 4 फरवरी 2021 को ₹694 से ₹719 गैस सिलेंडर के दाम हो गए थे और इसके बाद गैस सिलेंडरों के दाम में बढ़ोतरी ही बढ़ोतरी होती गई. इन भरते हुए दामों से आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि यह मंगाई रूपी डायन एक आम आदमी को अब खाए जा रही है. गैस के सिलेंडरों के दाम के साथ साथ अब सब्जियों के दाम भी बढ़ते दिख रहे हैं. ऐसे में सवाल यह है कि एक आम आदमी खाएगा क्या और बचाएगा क्या?
महंगाई के वार में अब आग भी महंगी- पेट्रोल डीजल गैस सिलेंडर सब्जी तेल मसालों के बढ़ते हुए दाम में आम आदमी को परेशान किया ही था. अब इस महंगाई की मार में आग भी छलांग मार ले आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार माजरा क्या है? महंगाई पेट्रोल डीजल या गैस सिलेंडर तक नहीं रह गई. बल्कि अब माचिस के डिब्बे तक पहुंच गई है ₹1 में मिलने वाली माचिस की डिब्बी की कीमत 14 साल बाद बढ़कर 2 रूपये हो जाएगी.
माचिस उद्योग निकायों ने सर्वसम्मानित से यह फैसला लिया है. 2007 के बाद पहली बार माचिस की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. 2007 में 50 पैसे से बढ़कर ₹1 माचिस का दाम कर दिया गया था. अब 1 दिसंबर से इसे ₹2 कर दिया जाएगा.
कीमत में की जा रही बढ़ोतरी के पीछे कारण कच्चे माल के दामों में हुई बढ़ोतरी को बताया जा रहा है. हैष निर्माताओं का कहना है कि माचिस निर्माण में लगने वाले कच्चे माल की कीमतों में तेजी आई है. जिसकी वजह से अब इस दाम पर बेचना संभव नहीं है.बता दें कि माचिस में में लगाने वाला लाल फास्फोरस की कीमत पहले ₹425 प्रति किलो कि आप ₹810 हो गई है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए महंगाई के इस मुद्दें पर विचार करने की बात कह रहे है.यूपी के लोगों को पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से जल्द ही कुछ राहत मिल सकती है. ऐसा लॉलीपाप योगी सरकार की तरफ से दिया जा रहा है. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,वित्त विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर रहे है.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक पेट्रोल-डीजल के वैट / VAT (Value Added Tax ) को कम करने की बात कही जा रही है. अब देखना यही कि महंगाई के इस मुद्दे को पकड़ के विपक्ष 2022 की सत्ता पर अपना वर्चस्व स्थापित करती है या फिर सत्ता में रह रही सरकार वापसी करती है.