भारत बना दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश, क्या है सबसे बड़ी चुनौती ?

By Mohd Badruzzama Siddiqui
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संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) के हालिया आंकड़ों के अनुसार भारत दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चूका है। इससे पहले दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश चीन था, जो अब भारत से 20 लाख की अधिक संख्या से पिछड़ गया है।

हालांकि, भारत की ओर से अभी आधिकारिक आंकड़े नहीं आये हैं क्यूंकि देश में अभी जनगणना चल रही है। साल की शुरुआत से ही वैश्विक महानुभओं ने अनुमान लगाया था कि 2023 में भारत की जनसंख्या सबसे अधिक होगी, और अब इस पर संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष मुहर लगा दी है। संयुक्त राष्ट्र (UNFPA) के आंकड़ों के मुताबिक देश की आबादी बढ़ते-बढ़ते 140 करोड़ के पार पहुंच गई है।

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने जारी किए ताजा आंकड़े

भारत की लगातार बढ़ती जनसंख्या ने चीन को 2.9 मिलियन के आकड़ों से पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, UNFPA की ‘द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2023’, जिसे ‘8 बिलियन लाइव्स, इनफिनिट पॉसिबिलिटीज: द केस फॉर राइट्स एंड चॉइस’ के टाइटल से जारी रिपोर्ट में कई जानकारियां साझा की गई हैं। जिसमे कहा गया है कि भारत की मौजूदा जनसंख्या 1 हजार 428.6 मिलियन है, जबकि चीन की जनसंख्या 1 हजार 425.7 मिलियन है। यानी दोनों देशों की जनसंख्या में 2.9 मिलियन का अंतर हो गया है। रिपोर्ट में ये ताजा आंकड़े ‘डेमोग्राफिक इंडिकेटर्स’ की कैटेगरी में दिए गए हैं।

युवा आबादी के लिए रोजगार बड़ी चुनौती

देश की बढ़ती आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा युवाओं का है, देश की ये विशालकाय युवा आबादी दोधारी तलवार की तरह है। देश की अर्थवयवस्था को गति देने के लिए युवाओं से लाभ हासिल किया जा सकता है। इस युवा शक्ति का सही इस्तेमाल करने के लिए उनके हाथों में लगातार रोजगार उपलब्ध करवाना बहोत जरूरी है। सरकार को हर साल करोड़ों लोगों के लिए नौकरी की व्यवस्था करनी होगी।

लेकिन देश सामने ये एक ऐसी चुनौती है, जिसमें सरकार को लगातार नाकामयाबी मिली है। इसलिए देश को लगातार निवेश को आकर्षित करने की जरूरत है, और जब तक देश तेजी से आगे नहीं बढ़ता, इसका जनसांख्यिकीय लाभांश आसानी से एक बेरोजगारी दुःस्वप्न में बदल सकता है।

युवा अर्थव्यवस्था की इंजन पर बेरोजगारी बड़ी चुनौती

एक्सपर्ट्स का मानना है की भारत के आर्थिक संकटों से बचने का कारन देश की बड़ी जनसंख्या है। देश की आबादी में खपत इतनी ज्यादा है, कि भारत आर्थिक संकटों की भरपाई काफी आसानी से कर लेता है और सप्लाई चेन इंजन चालू रहता है। एक तरफ कार्यबल किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए इंजन है, तो वहीं बेरोजगारी दर बहुत बड़ी चुनौती भी साबित हो सकती है।

अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत का आधिकारिक बेरोजगारी स्तर 2017-18 में 45 साल के उच्च स्तर 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो 2011-12 के पिछले अनुमान से 2.7 प्रतिशत ज्यादा था। सरकार के वार्षिक नौकरियों के आंकड़ों से पता चलता है, कि 2021-22 में बेरोजगारी का स्तर सुधर कर 4.1 प्रतिशत हो गया है। लेकिन कुछ अन्य आंकड़े बताते हैं, कि भारत में बेरोजगारों की संख्या सरकारी आंकड़ों के मुकाबले कहीं ज्यादा है।

This post was published on April 19, 2023 4:09 pm

Mohd Badruzzama Siddiqui