उत्तर प्रदेश
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April 5, 2023 4:05 pm

बेसिक शिक्षा मंत्री के गृह जनपद के प्राईमरी स्कूलों की हालत खस्ताहाल, एक कमरे में 5 कक्षाओं के बच्चे पढ़ने को मज़बूर

By Mohd Badruzzama Siddiqui
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बीते दिनों स्कूल चलो अभियान 2023 का शुभारम्भ करते हुए अपनी पीठ थप-थापाने में लगी हुई है। पर वहीं UP के बेसिक शिक्षा के तहत चलने वाले स्कूलों का हाल बद से बदतर स्थिति में है। आज आपको बताते हैं UP के एक स्मार्ट सिटी अलीगढ के प्राइमरी स्कूलों के बारे में, जहां एक कमरे में पूरा स्कूल चलता है। हालत ये है के 10 फीट लम्बाई व लगभग 13 फीट चौड़ाई वाले एक कमरे में प्राइमरी की पांच कक्षाओं के बच्चे एक साथ पढ़ने को मजबूर हैं।

और विडम्बना है की ये प्रदेश के मौजूदा बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का गृह जनपद है। इस क्षेत्र से मंत्री के दादा व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कल्याण सिंह 10 बार विधायक रहे हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के एरिया के स्कूलों में बच्चों के लिए शौचालय तक नहीं है, सौच आने की स्थिति में बच्चों की छुट्टी कर दी जाती है। जिन स्कूलों में शौचालय है भी तो वहां पानी की सुविधा नहीं है। प्राइमरी स्कूलों की ये दयनीय स्थिति UP के शिक्षा मंत्री के गृह जनपद की है, जो देश भर में बेहतर शिक्षा व इंफ्रास्ट्रचर का ढिंढोरा पीट रहे हैं व अपनी पीठ थप-थपा रहे हैं।

एक कमरे में 5 कक्षाओं के बच्चे पढ़ने को मज़बूर

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्मार्ट सिटी अलीगढ़ के बीचो-बीच स्थित विष्णुपुरी नगर का इलाका दो मंज़िला तीन मंज़िला मकानों से भरा है। इलाके की गलियां तंग हैं और नालियां गहरी और चौड़ी। बरसात में हालत ऐसी होती है के आदमी कब सड़क पर चलते हुए नालियों में चला जाता है पता ही नहीं चलता। कुछ पत्रकार इन रास्तों और बंदरों से बचते हुए प्राइमरी स्कूल पहुंचे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, जिले की इस स्कूल संख्या-27 में बच्चे पिछले 11 साल से बाहर पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करते थे। अब सभी बच्चे एक बड़े से जर्ज़र हॉल के नीचे बैठते हैं। बच्चों को इस जर्ज़र हॉल के उस कोने पर बैठाया जाता है, जिसकी हालत थोड़ी सी ठीक है। 15 फीट लंबाई और 15 फीट की चौड़ाई वाली इस जगह में प्राइमरी स्कूल की सभी 5 कक्षा के बच्चे बैठते हैं। हर कक्षा की अलग-अलग लाइन है, जिसमे बच्चे ज़मीन पर बैठ के पढ़ते हैं। स्कूल में कुल 2 मास्टर हैं, जिसमे एक हेड मास्टर विनीता गुप्ता हैं और उनके साथ एक शिक्षा मित्र हैं। जिन्होने बताया की जब किसी एक क्लास के बच्चों को पढ़ाया जाता है तब सभी उसे ध्यान से पढ़ते हैं। जब ज्यादा डिस्टर्ब होते हैं, तो चौथी-5वीं क्लास के बच्चों को बाहर ले जाकर पढ़ाया जाता है।

कमरे की मरम्मत के लिए लिख चुकी हैं चिट्ठी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ख़राब व खस्ताहाल स्कूल की बिल्डिंग को लेकर जब विनीता गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा, “हालत बहुत खराब है। बरसात में कभी-कभी पानी भी कमरे तक आता है।” रिपोर्टर ने पूछा, क्या आपने इस स्कूल के बारे में विभाग को अवगत कराया ? उन्होंने कहा, “दो महीने पहले हमने विभाग को चिट्ठी लिखकर इस बिल्डिंग की मरम्मत की बात कही थी। उधर से आश्वासन भी मिला कि इसे सुधारा जाएगा।” विनीता कहती हैं कि बच्चे जमीन पर बैठते हैं, हम कोशिश कर रहे हैं कि नए सत्र की शुरुआत में बच्चों के लिए बेंच की व्यवस्था हो जाए।

शौचालय के लिए कर दी जाती है छुट्टी

मंत्री जी के विधायकी क्षेत्र के स्कूलों की हालत इतनी ख़राब है की बच्चों को शौच आ जाये तो टीचर छुट्टी कर देते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, रिपोर्टर हेड मास्टर विनीता से बात कर ही रहे थे कि पीछे से एक बच्ची मग में पानी लेकर शौचालय की तरफ भागी। जाकर देखा तो पता चला कि स्कूल में शौचालय, तो है पर उसमें पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए बच्चों को बाहर लगे नल से पानी लेकर जाना पड़ता है। या फिर टीचर बच्चे को छुट्टी ही दे देते हैं, ताकि घर जाकर शौच कर सके।

कक्षा में ही बनता है मिड-डे-मील

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के गृह जनपद के कई स्कूलों की हालत बेहद ख़राब स्थिति में है, जैसे तैसे करके स्कूलों का सञ्चालन किया जा रहा है। मीडिया चैनल भास्कर के मुताबिक, उनकी टीम विष्णुपुरी नगर के बाद जीवनगढ़ पहुंची। जहां स्कूल नंबर-61 की हालत सबसे ज्यादा खराब मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, जीवनगढ़ स्थित सरकारी प्राईमरी स्कूल के पास अपनी खुद की कोई बिल्डिंग ही नहीं है। स्कूल एक किराए के कमरे में चल रहा है जिसमे एक साथ 37 बच्चे पढाई करते हैं। हद तो ये है की, उसी एक मात्र कमरे में बच्चों के लिए मिड डे मील का खाना भी पकाया जाता है।

छोटे बच्चे कक्षा में ही कर देते हैं शौच

शहर के जीवनगढ़ एरिये का ये प्राईमरी स्कूल एक कमरे में संचालित होता है, जिसमे कोई शौचालय नहीं है। अगर किसी बच्चे को टॉयलेट लग जाए तो उसकी छुट्टी कर दी जाती है। स्कूल की जिम्मेदारी संभालने वाले टीचर स्कूल नंबर-40 के टीचर हैं, जो सुबह करीब 6 किलोमीटर दूर अपने स्कूल में हाज़री लगाने के बाद यहां पढ़ाने आते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ऑफ कैमरा बात करते हुए उन्होने बताया की, “यहां दिक्कतों का अंबार है। कई बार छोटे बच्चे क्लास में ही टॉयलेट कर देते हैं। इसके बाद सभी बच्चों को बाहर निकालकर साफ करना पड़ता है। एक कमरे में 5 कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाना न सिर्फ हमारे लिए चुनौती है बल्कि इन बच्चों के लिए भी चुनौती है।”

पार्षद, मंत्री जी को करा चुके हैं अव्यवस्थाओं से अवगत

इलाके के पार्षद शाहिद बताते हैं, “हमने इस स्कूल को कहीं शिफ्ट करने को लेकर विभाग को कई बार पत्र लिखा। यहां के BSA साहब से मिले। DM साहब से मिले। यह इलाका बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह जी की विधानसभा में आता है इसलिए हम कई बार बच्चों के अभिभावकों के साथ उनसे भी मिले। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।” पार्षद से बात हो रही थी तभी इस घर के मालिक आ गए। वह कहते हैं कि विभाग से 150 रुपए किराया महीने का किराया मिलता है। कमरे में पंखा-लाइट भी हमने अपनी तरफ से लगाई है। हम चाहते हैं स्कूल के लिए नई बिल्डिंग बने ताकि बच्चे अच्छे से पढ़ पाएं।

प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर विज्ञापनों से परे

एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार है जो मीडिया व लोगों के बीच प्रचार प्रसार करने में लगी है अपनी बेहतर शिक्षा नीतियों की व अपने बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की, और एक तरफ है खुद बेसिक शिक्षा मंत्री के इलाके की जमीनी हकीकत। जिसके बारे में स्थानीय लोगों का कहना है की मंत्री जी सब जानते हैं, बावजूद इसके बड़े-बड़े प्रोग्राम व विज्ञापन के माध्यम से प्रदेश के जनता की आँखों में धुल झोंकने का काम भी चल रहा है। इस रिपोर्ट पर आपका क्या कहना है हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं।
संचार सूत्र : दैनिक भास्कर

This post was published on April 5, 2023 4:05 pm

Mohd Badruzzama Siddiqui