हम 21वीं सदी आ पहुंचे हैं और इस दौर में महिलाएं अपने मेहनत के बल पर पुरुषों से कदम से कदम मिलकर चल रही हैं। महिलाएं अपने करियर को लेकर बहोत गंभीरता से सोच रही हैं। हांलाकि, मानसिक, शारीरिक और यौन उत्पीड़न, स्त्री द्वेष और लिंग असमानता इनमें से ज्यादातर के लिए जीवन का हिस्सा बन गया है। वहीं आज भी आप जाने-अंजाने या फिर मज़ाक में ही सही अपनी महिला मित्र और महिला सहकर्मी के साथ ऐसे कृत्य कर गुजरते हैं, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 294 और धारा 509 के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इस तरह के मामले ‘इव टीजिंग’ यानी छेड़छाड़ के अंतर्गत आते हैं।
14 सेकंड तक लड़कियों को घूरना अपराध है
भारतीय क़ानून में ‘ईव-टीज़िंग’ शब्द का प्रयोग नहीं हुआ है, इस तरह के मामले में आम तौर पर भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 294 (A) और (B) का इस्तेमाल किया जाता है, ये धाराएं किसी युवती या महिला के प्रति अश्लील इशारों, भद्दी टिप्पणियों, गाने या कविता-पाठ करने के अपराध में दोषी पाए गए व्यक्ति को अधिकतम तीन महीनों की सज़ा देती है। हालांकि, अब 14 सेकंड तक लड़कियों को घूरना भी अपराध की श्रेणी में आ गया है। सार्वजनिक और निजी जीवन में अक्सर लड़कों द्वारा लड़कियों को घूरना अथवा पीछा करना एक सामान्य घटना है, लेकिन यह कोशिश आप पर भारी पड़ सकती है।
IPC की धारा 294 व 509
भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 292 स्पष्ट रूप से परिभाषित करती है कि महिला या युवती को अश्लील साहित्य या अश्लील तस्वीरें, क़िताबें या पर्चियां दिखाने वाले, पहली बार दोषी पाए गए व्यक्ति को दो वर्षों के लिए सश्रम कारावास की सज़ा देते हुए, 2000 रु. का जुर्माना वसूला जाए। अपराध दोहराने पर, जब प्रमाणित हो, तो अपराधी को पांच साल के लिए कारावास सहित 5000 रु. का जुर्माना लगाया जाएगा।
भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 354-A , धारा 354-D में महिला के प्रति अश्लील इशारों, अश्लील टिप्पणियों, पिछा करने पर कठोर कारावास की सज़ा या जुर्माना या दोनों लगाए जा सकते हैं।
भारतीय दंड संहिता IPC की धारा के अधीन महिला या युवती के प्रति अश्लील हरकत, अभद्र इशारे या तीखी टिप्पणियां करने वाले पर एक वर्ष के कठोर कारावास की सज़ा या जुर्माना या दोनों लगाए जा सकते हैं।