हिन्दू धर्म में कुल 33 करोड़ देवी देवता है। ऐसे में भारत एक ऐसा देश है जहां अनेको प्राचीन मंदिर है और हर मंदिर का अपना इतिहास और मान्यता होती है। भारत में भगवान विष्णु के अनेको मंदिर है और हर मंदिर का अपना एक अलग महत्व भी है। इन सभी मंदिर में भगवान विष्णु का अलग-अलग रूप है। उनमें ही एक ही सबसे प्राचीन मंदिर तिरुपति बाला जी का है। यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। जो भगवान विष्णु का ही एक रूप है। लाखों के तादाद में श्रद्धालु इस मंदिर में भगवान के दर्शन करने आते है। कहां जाता है कि यहां भगवान वेंकटेश्वर अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करते है। मनोकामना के पूर्ण होने के बाद श्रद्धालु तिरुपति बाला जी के मंदिर में अपने बालों का दान करते है। तो चलिए हम आपको बताते है की आखिर कब से यह बाल दान करने की प्रथा चली आ रही है।
भगवान बाला जी के तीन बार दर्शन करवाया जाता
यह मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरो में एक है। इस मंदिर में श्रद्धालुओं को दिन में भगवान बाला जी के तीन बार दर्शन करवाया जाता है। प्रथम दर्शन विश्वरूप कहलाता है। जो प्रातः काल के समय होता है। द्वितीय दर्शन दोपहर में और तृतीय दर्शन रात्रि के समय होता है। इनके अलावा भी श्रद्धालु अन्य दर्शन कर सकते है। उसके जिनके लिए विभिन्न शुल्क निर्धारित है। पहले तीन दर्शनों के लिए कोई शुल्क नहीं है। भगवान बालाजी की पूरी मूर्ति के दर्शन केवल शुक्रवार को सुबह अभिषेक के समय ही किए जा सकते हैं।
कपिल तीर्थ पर स्नान करके कपिलेश्वर के दर्शन करना
तिरुपति बाला जी मंदिर की यह मान्यता है कि मंदिर में जो कालेरंग की दिव्य मूर्ति है। वह किसी ने बनाई नहीं है। बल्कि यह मूर्ति ज़मीन से खुद ही बाहर प्रकट हुई। वही दूसरी तरफ यहां पर मौजूद वेंकटाचल पर्वत को भी भगवान का स्वरूप माना जाता है और यही कारण है कि यहां पर जूता चप्पल पहन कर लोग नही जाया करते है। भगवान तिरुपति के दर्शन करने से पहले कपिल तीर्थ पर स्नान करके कपिलेश्वर के दर्शन करना चाहिए। फिर वेंकटाचल पर्वत पर जाकर बालाजी के दर्शन करें। वहां से आने के बाद तिरुण्चानूर जाकर पद्मावती के दर्शन करने की परंपरा मानी जाती है।
बालों का दान कर देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती
तिरुपति बालाजी मंदिर में सदियों से बालों के दान करने की परम्परा चली आ रही है। ऐसी मान्यता है कि जो भी यहां अपने बालों का दान करता है। उसे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सारी परेशानी खत्म हो जाती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति अपने मन से सभी पाप और बुराइयों को यहां छोड़ जाता है उसके सभी दुख देवी लक्ष्मी खत्म कर देती हैं। इसलिए यहां सभी बुराइयों और पापों के रूप में लोग अपने बाल छोड़ जाते हैं। ताकि भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी उस पर प्रसन्न रहें।