कथा/कहानी
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September 26, 2022 3:43 pm

जानें क्यों महिषासुर माँ दुर्गा से करना चाहता था विवाह,जिसे मारने को मायके आयी थी मां गौरी

By Shikha Pandey
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नवरात्रि माँ दुर्गा का पर्व माना जाता है नवरात्रि में नौ दिन तक हर कोई अपने घर में पूरे विधि विधान से माँ दुर्गा की पूजा करता है।इस  दौरान घर-घर नौ दिनों तक मातारानी की विधि विधान से पूजा की जाती है। साल में 2 बार ये नवरात्रि पर्व मनाया जाता है। जो चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि जो कोई भी 9 दिन सच्चे मन से माता रानी का व्रत रखता है और उनकी पूजा अर्चना करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।

महिषासुर ने अपने लिए अमर होने का वरदान मांगा

भारत के के अलग-अलग जगहों में भिन्न भिन्न तरीकों से इस नवरात्रि के पर्व मनाया जाता है। कहीं कुछ लोग पूरी रात गरबा और आरती कर नवरात्र के व्रत रखते हैं तो वहीं कुछ लोग व्रत और उपवास रख मां दुर्गा और उसके नौ रूपों की पूजा करते हैं, चलिए आज हम जानते है आखिर नवरात्रि का ये पर्व क्यों मनाया जाता दरअसल महिषासुर नाम का एक राक्षस था।वह अमर होना चाहता था इसके लिए उसने ब्रह्माजी का तप करना शुरू कर दिया जिसके बाद महिषासुर ने इतना कठिन तप किया कि उसकी तपस्या से प्रसन्न उसे दर्शन देकर कहा कि उसे जो भी वर चाहिए वो मांग सकता है। महिषासुर ने अपने लिए अमर होने का वरदान मांगा।

ब्रह्माजी ने महिषासुर को दिया था वरदान

महिषासुर की ऐसी बात सुनकर ब्रह्मा जी बोले, ‘जो इस संसार में पैदा हुआ है उसकी मौत निश्चित है। इसलिए जीवन और मृत्यु को छोड़कर जो चाहो मांग लोग।’ ऐसा सुनकर महिषासुर ने कहा,’ ठीक है प्रभु, फिर मुझे ऐसा वरदान दीजिए कि मेरी मृत्यु ना तो किसी देवता या असुर के हाथों हो।

महिषासुर की ऐसी बात सुनकर ब्रह्माजी ने तथास्तु कहा और चले गए। इसके बाद तो महिषासुर राक्षसों का राजा बन गया उसने देवताओं पर आक्रमण कर दिया। देवता घबरा गए। हालांकि उन्होंने एकजुट होकर महिषासुर का सामना किया जिसमें भगवान शिव और विष्णु ने भी उनका साथ दिया, लेकिन महिषासुर के हाथों सभी को पराजय का मुख देखना और देखते देखते पूरे देवलोक पर महिषासुर का राज हो गया।

देवताओं ने भगवान विष्णु के साथ माँ दुर्गा की आराधना की

पूरे देव लोक में हाहाकार मच गया। जिसके बाद सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के साथ माँ दुर्गा की आराधना की। उन सभी के शरीर से एक दिव्य रोशनी निकली जिसने एक बेहद खूबसूरत अप्सरा के रूप में देवी दुर्गा का रूप धारण कर लिया। देवी दुर्गा को देख महिषासुर उन पर मोहित हो गया और उनसे शादी करने का प्रस्ताव सामने रखा। बार बार वो यही कोशिश करता। देवी दुर्गा मान गईं लेकिन एक शर्त पर..उन्होंने कहा कि महिषासुर को उनसे लड़ाई में जीतना होगा। महिषासुर मान गया और फिर लड़ाई शुरू हो गई जो 9 दिनों तक चली। दसवें दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर दिया…और तभी से ये नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।

श्री राम इसी दिन किष्किन्धा से लंका के लिए रवाना हुए

बतादें कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान राम ने ऋष्यमूक पर्वत पर आश्विन प्रतिपदा से नवमी तक आदि शक्ति की उपासना की थी इसके बाद भगवान श्री राम इसी दिन कि किष्किन्धा से लंका के लिए रवाना हुए थे। जिसके बाद रावण वध के कारण दशहरा मनाया जाता है।

 

 

This post was published on September 26, 2022 3:43 pm

Shikha Pandey

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