गोरखपुर शहर में ट्रैफिक का बुरा हल है, हालांकि शहर में ट्रैफिक आइटीएमएस (इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) से कंट्रोल किया जा रहा है। ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने पिछले 8 महीनो में डेढ़ करोड़ का चलन वसूला है। लेकिन शहर में जाम की स्तिथि जस के तस बानी हुई है। ट्रैफिक पुलिस का पूरा ध्यान चलान काटने व वसूलने में ही लगा हुआ है, वहीं लोग ट्रैफिक सिग्नल्स न दिखने व लेफ्ट लेन खली ना रहने की वजह से परेशान हो रहे हैं, और भारी चलान भी भर रहे हैं।
विज्ञापन बोर्ड से ढके रहते हैं यातायात संकेतक
शहर में ट्रैफिक की समस्या कम होने का नाम ही नहीं ले रही है, जिसका सबसे बड़ा कारण सड़कों पर लगा विज्ञापन बोर्ड बना हुआ है। शहर के तमाम चौराहों पर लगे विज्ञापन बोर्ड से यातायात के संकेतक दिखते ही नहीं हैं। संकेतक न दिखने की वजह से राहगीरों को आधा समय गुजरने के बाद पता लगता है कि संकेतक हरे हो गए हैं। ऐसे में आधे राहगीर जब तक चौराहे को पार करने की कोशिश करते हैं, तब तक संकेतक लाल हो जाता है। जिसकी वजह से चौराहों पर जाम की स्तिथि बानी रहती है, वहीं ट्रैफिक पुलिस का पूरा ध्यान चालान काटने पर रहता है, ना की राहगीरों को सुविधा मुहैय्या कराने में।
करोड़ों का खामियाज़ा भुगत चुके हैं वहन चालक
शहर में यातायात व्यवस्था को सुधरने के लिए आइटीएमएस (इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) का प्रयोग किया जा रहा है। पर शहर में लगे विज्ञापन बोर्ड की वजह से इस सिस्टम का सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। वहीं लेफ्ट लेन खाली न रहने की वजह से भी राहगीरों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन शहर की ट्रैफिक पुलिस का इन कमियों पर कोई ध्यान नहीं है, जिसका खामियाज़ा राहगीरों को चलान के रूप में भुगतना पड़ रहा है। शहर की यातायात पुलिस ने पिछले 8 महीनो में 1.66 लाख वाहनों का चलन कर कुल 1.55 करोड़ रूपये का शमन वसूला है।
सांकेतिक में टाइमिंग यातायात दबाव से फीड नहीं
शहर के 21 चौराहों पर आइटीएमएस कंट्रोल रूम से यातायात संचालन किया जा रहा है। कई चौराहों पर टाइमिंग यातायात के दबाव अनुसार फीड नहीं है। पैडलेगंज व छात्रसंघ चौराहा पर यातायात का दबाव अधिक है, लेकिन वहां समय कम है। जिसके वजह से यहाँ रोजाना सुबह से लेकर शाम तक जाम की स्तिथि बनी रहती है। छात्रसंघ चौराहा, आंबेडकर चौक, काली मंदिर, यूनिवर्सिटी चौराहा पर यातायात संकेतक खंभे के आगे लगे विज्ञापन बोर्ड व पेड़ की वजह से ढके रहते हैं जिसकी वजह से राहगीरों को संकेतक का पता ही नहीं चलता कि कब संकेतक हरा अथवा लाल हुआ।
क्या कहते हैं यातायात पुलिस अधीक्षक
यातायात पुलिस अधीक्षक डॉ. एमपी सिंह के अनुसार यातायात संकेतकों को लेकर कई बार नगर निगम को पत्र भेजा जा चुका है। लेफ्ट लेन खाली करने को लेकर भी अभी तक यातायात पुलिस को कोई मदद नहीं मिल सकी है। ऐसे में भी राहगीरों को उचित सुविधा मिल सके इसके लिए पुलिस अपने स्तर से यातायात व्यवस्था में सुधार की कोशिश में जुटी हुई है।
शहर में यातायात पुलिस ने क्यों और कितना किया चलान
- बिना हेलमेट- 94290
- वसूला गया शमन शुल्क-77.22 लाख रुपये
- बिना सीट बेल्ट- 6832
- वसूला गया शमन शुल्क-11.35 लाख रुपये
- मोबाइल से बात करते हुए वाहन चलाने पर- 1016
- वसूला गया शमन शुल्क-3.39 लाख रुपये
- नो पार्किंग- 40771
- वसूला गया शमन शुल्क-29.56 लाख रुपये
- लेन परिवर्तित करेन सहित अन्य आरोपों में- 7962
- वसूला गया शमन शुल्क-8.70 लाख रुपये
- बाइक पर तीन सवारी- 7754
- वसूला गया शमन शुल्क-10.40 लाख रुपये
- ओवर स्पीड- 710
- वसूला गया शमन शुल्क-2.36 लाख रुपये
- अन्य चालान- 12674
- वसूला गया शमन शुल्क-12.77 लाख रुपये