देश-भर में हार्टअटैक (Heart attack) से मरने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रही है। आये-दिन कोई न कोई हार्टअटैक जैसी गंभीर बीमारी का शिकार होता चला जा रहा है। ऐसे में अब मेडिकल के क्षेत्र में आईआईटी (IIT) कानपूर के वैज्ञानिकों ने एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने एक ऐसे यंत्र का आविष्कार कियाजिसमे अगर आप का हार्ट खराब भी हो जाता है,तो भी यह ‘हृदययंत्र’ आपके धड़कनों को बरक़रार रखेगा और आप जीवित रह सकेंगे।
जिसमें अगर आप का ‘हार्ट’ खराब भी हो जाता है,तो भी यह ‘हृदययंत्र’ आपके धड़कनों को बरक़रार रखेगा और आप जीवित रह सकेंगे। हालांकि इससे पहले अमेरिका की दो कंपनियां इस तरह का ह्रदय यंत्र बना चुकी हैं। लेकिन उनकी कीमत लगभग डेढ़ करोड़ से ऊपर है। ऐसे में एक मध्य्वर्गीय परिवार के लिए यह कीमत काफी ज्यादा है। मगर अब भारत में भी यह यंत्र तैयार हो रहा है। इस यंत्र की खास बात यह भी है कि यह दुनिया का सबसे सस्ता ह्रदय यंत्र होगा।
आईआईटी के वैज्ञानिकों ने इस यंत्र का नाम ‘ह्रदय यंत्र’ रखा
दरअसल आईआईटी (IIT) के वैज्ञानिक मनदीप अपने साथियों के साथ एक ऐसा यंत्र को तैयार किया जिससे किसी व्यक्ति को अगर दिल का दौरा पड़ता है तो यह यंत्र उसके बहुत ज्यादा काम आ सकती और उसके जीवन को सुरक्षित रख सकती है। आईआईटी (IIT) के वैज्ञानिकों ने इस यंत्र का नाम ‘ह्रदय यंत्र’ रखा। जो इंसान के शरीर में ‘ह्रदय की तरह काम करेगा। इस यंत्र को इंसान के हार्ट खराब या फेल हो जाने के बाद उसकी जगह पर लगाया जाएगा। जो उसके धड़कनों को बरक़रार रखेगा।
सर्वप्रथम जानवरों पर किया जाएगा प्रयोग
आईआईटी (IIT) के वैज्ञानिक मनदीप का कहना है कि वह और उनकी टीम पिछले कुछ वर्षो से इस यंत्र को सफलपूर्वक बनाने का प्रयास कर रहे थे। जिसके बाद अब इस यंत्र का प्रयोग सर्वप्रथम जानवरों पर किया जाएगा। प्रयोग सफल रहा तो फिर इंसानो पर इस यंत्र का प्रयोग हुआ शुरू होगा। वैज्ञानिकों ने कई वर्षो के बाद देश के चुनिंदा कार्डिक डॉक्टरों और कई अन्य आईआईटी (IIT) के वैज्ञानिकों के परामर्श और सहयोग से इस ‘हृदययंत्र’ को तैयार किया।
बुजुर्गों के अपेक्षा युवा वर्ग की हार्टअटैक से ज्यादा मौत हो रही
हृदय हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है ,लेकिन फिर भी कही न कही हम अपने दिल की देखभाल उचित तरीके से नहीं करते। जिस तरह से हम अपने दिल के सेहत को नज़र अंदाज करते और खराब जीवन शैली अपनाते जो हमारे लिए तनाव ग्रस्त होते है और हमारा दिल कमजोर होते चला जाता है। वहीं भारत देखा जाए तो हार्टअटैक (Heart attack) से मरने वालों में 10 में से 4 की उम्र 45 साल है और तो और देशभर में इन 10 सालों के अंदर करीब सवा दो लाख भारतीयों की मौत सिर्फ हार्ट अटैक से हुई। वहीं दूसरी तरफ भारत में हार्टअटैक (Heart attack) से होने वाली मौत करीब 75 % तक बढ़ गई जिसमें बुजुर्गों के अपेक्षा युवा वर्ग की हार्टअटैक से ज्यादा मौत हो रही है।