उत्तर प्रदेश
| On
November 17, 2022 2:37 pm

उत्तर प्रदेश के इस जेल में कैदियों के लिए हो रहा है ‘जेल प्रीमियर लीग’ का आयोजन

By Mitra Prakash
Share

विश्वभर में करोड़ों क्रिकेट प्रेमी हैं, यूं तो ये बस एक खेल है. पर कहा जाता है की खेल की सबसे बड़ी प्राथमिकता अनुशाशन होती है। बिना अनुशाशन के किसी व्यक्ति में खेल भावना आ ही नहीं सकती, क्यूंकि किसी खेल को खेलने के लिए उससे सम्बंधित कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना अतिआवश्यक है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए उत्तरप्रदेश के मेरठ जिला कारगर में कैदियों के साथ एक नया प्रयोग किया जा रहा है, यहां बहुचर्चित ‘इंडियन प्रीमियर लीग’ की तर्ज़ पर कैदियों के लिए ‘जेल प्रीमियर लीग’ का आयोजन किया जाता है। इस जेल प्रीमियर लीग में जेल के तमाम क्रिकेट प्रेमी कैदी भाग लेते हैं।

 

मेरठ जेल बना खेल का मैदान

जेल प्रीमियर लीग JPL जैसी अनोखी पहल की शुरुआत मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारगर में शुरू की गई है। इस क्रिकेट लीग मैच स्पर्धा में जेल में बंद कैदी हिस्सा लेते हैं और अपने क्रिकेट का प्रदर्शन करते हैं। कुछ इस तरह जेल खेल का मैदान बन चुका है, जहां कैदी पहले सज़ा कटाने आते थे वहां उनको खेलने का भी मौका दिया जाता है। ऐसे में ये खेल अब कैदियों को जीवन के मूल्यों का आभास कराती है और आने वाले जीवन में सही मूल्यों पर चलने का रास्ता भी बताती है। JPL के दौरान इस जेल के कैदी यहां क्रिकेट मैच खेलते हुए इस खेल के बारे में चर्चा करते हैं और अगले मैच की प्लानिंग करते हुए नज़र आते हैं।

 

जेल में बेहतरी की एक पहल है JPL : जेल अधीक्षक

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मेरठ के जिला कारागार में बहुचर्चित IPL की तर्ज पर JPL यानी जेल प्रीमियर लीग खेला जा रहा है। इस क्रिकेट लीग की शुरुआत इसबार बुधवार को हुई है। इस खेल के संबंध में जेल अधीक्षक राकेश कुमार का कहना है कि मेरठ कारागार के लिए जेपीएल JPL कोई नई बात नहीं, बल्कि ये लीग यहां पिछले पांच साल से आयोजित की जा रही है। जेल अधीक्षक का कहना है कि कैदियों को अवसाद से बाहर लाने और उनके अंदर खेल भावना जागृत करने के लिए इस विशेष लीग का आयोजन किया जाता है। JPL जेल के कैदियों की बेहतरी की एक पहल है जो जिसमे हम सफल होते दिख रहे हैं।

 

सिर्फ जेल के कैदी ही खेल सकते हैं JPL

मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में हो रहे जेल प्रीमियर लीग JPL में जेल की कुल 7 टीमों ने हिस्सा लिया है। प्रत्येक टीम से पंद्रह पंद्रह खिलाड़ी खेल में हिस्सा ले रहे हैं. इस लीग में 47 मैच खेले जाएंगे और इसका मकसद कैदियों के मनोरंजन के साथ-साथ अनुशाशन देना है। इस लीग में केवल जेल के कैदी ही भाग ले सकते हैं. इनके अलावा जेल का कोई भी स्टाफ इस लीग का हिस्सा नहीं होगा. मेरठ ज़ोन के एडीजी राजीव सबरवाल ने कैदियों के इस अनोखे क्रिकेट पर हैरानी जताते हुए कहा है कि जेल प्रशासन द्वारा किया जा रहा ये प्रयास सराहनीय है।

 

कैदियों के सुधर के लिए होते हैं और भी कार्यक्रम

मेरठ जिला कारागार में केवल क्रिकेट लीग का ही नहीं बल्कि कई और कार्यक्रम किये जाते हैं। जिसमे कवि सम्मेलन, भागवत इत्यादि भी कराया जाता है। इसके साथ ही यहां सुंदरकांड का भी पाठ होता है। जेल अधीक्षक का कहना है कि ये सारे आयोजन सिर्फ और सिर्फ बंदियों के सुधार के लिए हो रहे हैं।

This post was published on November 17, 2022 2:37 pm

Mitra Prakash

Editor-in-chief