त्योहारों के कारण देश भर के बाज़ारों का तापमान अपने उफान पर है। दिवाली करीब होने के कारन लोगों का ज़्यादा समय बाज़ारों में ही व्यतीत हो रहा है। ऐसे में कोरोना के नए वेरिएंट ने भी बाजार में एंट्री मार ली है, देश में तेज़ी से कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं। कोरोना के सबसे खतरनाक वेरिएंट ओमीक्रॉन के 2 नई किस्मो ने विश्व के कई देशों में दस्तक दे दी है, जिनको XBB और BF.7 के नामों से चिन्हित किया जा रहा है। इस वेरिएंट ने चीन, डेनमार्क व इंग्लैंड में तेज़ी से फैलना शुरू कर दिया है, अब इसके प्रकोप धीरे-धीरे भारत में भी दिखने लगा है।
ओमीक्रॉन के नए वेरिएंट का असर महाराष्ट्र में दिखने लगा है। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए जानकारी अनुसार यहां अक्टूबर के पहले 15 दिनों में ओमिक्रोन के XBB सब-वेरिएंट के 18 मामलों का पता चला है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया की इनमें से 13 मामले पुणे से, दो-दो मामले नागपुर और ठाणे से और एक मामला अकोला जिले से सामने आया है। पिछले 24 घंटों में महाराष्ट्र से कोरोना के 418 नए मामलों के मिलने की खबर आ रही है, जिनमे 3 लोगों की मौत हो गई है।
महाराष्ट्र सरकार ने त्योहारी सीजन को देखते हुए लोगों को XBB वेरिएंट से बचने के लिए अलर्ट किया है और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है। मुंबई नागरिक निकाय ने मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी कर लोगों से आगामी त्योहारी सीजन से पहले कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन करने का आग्रह किया ताकि मामलों की संख्या में और बढ़ोतरी को रोका जा सके।
क्या है नई वेरिएंट XBB
XBB ओमिक्रॉन के दो वेरिएंट BA.2.75 और BA.2.10 के म्यूटेशन से बना है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह अब तक के सभी वेरिएंट से ज्यादा संक्रामक है। जानकारों के मुताबिक खतरनाक बात यह है कि यह वेरिएंट ज्यादा तर वैक्सीनेशन वाले देशों में तेजी से उभरा है। वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी को भी यह वेरिएंट चकमा दे सकता है, और इसके साथ-साथ ये बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है। अब तक इसका मुख्य लक्षण बदन दर्द ही दिखाई दिया है।
दूसरी नई वैरिएंट BF.7 क्या है
यह दूसरी नई वेरिएंट है जो ओमिक्रॉन के वेरिएंट BA.5 से बना है। इसका पहला केस गुजरात में सामने आया है। ओमीक्रॉन का यह वेरिएंट भी पुराने वेरिएंट्स की तुलना में ज्यादा संक्रामक है और इम्यूनिटी को चकमा देने की क्षमता रखता है। BF.7 चीन में तेजी से पैर पसार रहा है और कई शहरों में इसके मामले मिल चुके हैं। इसी के साथ बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस में भी यह वेरिएंट तेज़ी से फ़ैल रहा है। अब तक बदन दर्द इसका मुख्य लक्षण दिखा है और इसके साथ ही इसमें खांसी, खराश, थकान की भी दिक्कतें सामने आ रही हैं।
दोनों वेरिएंट में कौन ज़्यादा खतरनाक
एक्सपर्ट्स की मानें तो BF. 7 वैरिएंट का इंफेक्शन रेट काफी ज्यादा हाई है। हालांकि, एक्सपर्ट्स ने ये भी कहा कि ओमिक्रोन और इसके सब-वेरिएंट के लक्षण काफी ज्यादा हल्के हैं और इनसे घबराने की कोई जरूरत नहीं है, फिर भी एक्सपर्ट्स ने उन लोगों को अलर्ट किया है जो हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज और लिवर डिजीज की समस्याओं से जूझ रहे हैं।
ओमिक्रोन के XBB वेरिएंट के लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन इसकी संक्रामक क्षमता काफी अधिक है जिससे यह कोरोना के मामलों में तेज़ी से वृद्धि पैदा कर सकता है। संक्रामक रोग विशेषज्ञ का मानना है की इसकी वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।
त्योहारों में बढ़ सकता है खतरा
देश भर में त्योहारों की तैयारियां अपने चरम पर है और ऐसे में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो रहे हैं। ऐसे में अगले 3-4 हफ्तों में कोविड पॉजिटिव मामलों में वृद्धि की संभावनाये है। संक्रामक रोक विशेषज्ञ कहते हैं, “अब तक XBB वेरिएंट के पॉजिटिव केस सभी मामलों में लगभग 7% हैं। यह बहुत कम समय में बड़ी संख्या को संक्रमित करने में सक्षम हैं, क्योंकि इसकी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से बचने की क्षमता काफी अधिक है।”
देश भर में अबतक ओमीक्रॉन XBB वेरिएंट के महाराष्ट्र में 18 केस, ओडिशा में 33 केस, पश्चिम बंगाल में 17 केस और तमिलनाडु में 16 केस मिल चुके हैं।
ओमीक्रॉन के बढ़ते प्रकोप पर है सरकार की नज़र
देश भर में ओमिक्रोण के बढ़ाते प्रकोप से सरकार के लोग चौकन्ने हैं और इसके प्रसार को रोकने के लिए और नए वेरिएंट से लड़ने के लिए सरकार गंभीर हो गई है। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक कोविड समीक्षा बैठक में पर्याप्त कोविड टेस्ट करने की आवश्यकता पर बल दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में अधिकारियों से कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की बारीकी से निगरानी करने का आग्रह किया है।
क्या है एक विशेषज्ञ कि सलाह
वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन स्ट्रेन के सब-वेरिएंटों के प्रभाव से बचने के लिए सावधानी बरतने की बात की है। दिल्ली AIIMS के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, “नए वेरिएंट में उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) की प्रवृत्ति है”। हालांकि, “अब स्थिति अलग है। पहले कोई टीकाकरण नहीं हुई थी, लेकिन अब लोगों को टीका लग चुका है और वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित कर ली है।”
उनके अनुसार, अस्पताल में भर्ती होने और आईसीयू में भर्ती होने की संभावना अब कम है। आगे मीडिया से बात करते हुए डॉ० गुलेरिया ने लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “अगर आप बाहर जा रहे हैं और खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर, तो आपको मास्क पहनना चाहिए। उच्च जोखिम वाले समूहों, बुजुर्गों को बाहर जाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे संक्रमण फैलने की संभावना अधिक होती है।”