अमेरिका की शॉर्ट-सेलिंग फर्म Hindenburg Research और अडानी समूह की खींच-तान लम्बी होती जा रही है। एक तरफ Hindenburg Research की रिपोर्ट कि वजह से अडानी समूह में भूंचाल आया है और शेयर्स लगातार गिर रहे हैं, तो दूसरी तरफ दोनों संस्थाओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
बीते बुधवार को Hindenburg Research की ओर से जारी किये गए रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी ग्रुप दशकों से खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट धोखाधड़ी कर रहा है। जिसपर अडानी ग्रुप ने Hindenburg Research को 413 पेज का जवाब भेजा और रिपोर्ट को सुनियोजित तरीके से भारत के ऊपर हमला बताया था।
जिसके बाद Hindenburg Research ने फिर से जवाब देते हुए अडानी समूह पर सवालों का जवाब ना देते हुए राष्ट्रवाद को चोला ओढ़कर धोखाधड़ी और लोगों को मुद्दे से भटकाने जैसा गंभीर आरोप लगाया है।
आरोप : भाई की विदेशी शेल कंपनियों के साथ डीलिंग
Hindenburg Research ने अपनी रिपोर्ट द्वारा अडानी ग्रुप पर विनोद अडानी और उनकी विदेशी शेल कंपनियों के साथ अरबों डॉलर की डीलिंग का आरोप लगाया था। आपको बता दें, विनोद अडानी Adani Group के संस्थापक गौतम अडानी के बड़े भाई हैं, और उनकी मॉरीशस के समेत UAE, साइप्रस, सिंगापुर और कई कैरेबियाई देशों में तक़रीबन 38 शेल कंपनियां हैं। जिसके आधार पर अडानी ग्रुप के शेयरों और अकाउंटिंग पर Hindenburg Research ने सवाल खड़े किए थे। जिसकी सफाई में अडानी समूह ने जवाब देते हुए कहा कि विनोद अडानी उसकी किसी भी कंपनी से जुड़े नहीं हैं और इन ट्रांजैक्शंस में कोई गड़बड़ी नहीं है।
भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता पर सुनियोजित हमला : Adani Group
अडानी समूह के CFO जुगेशिंदर सिंह ने 413 पेज का जवाब जारी करते हुए कहा कि वह 24 जनवरी को ‘मैडऑफ्स ऑफ मैनहट्टन’ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को पढ़कर हैरान और काफी परेशान है। उन्होने कहा Hindenburg Research की ये रिपोर्ट झूठ और गलत बयानी पर आधारित है। रिपोर्ट में हमारे मौलिक कारोबार के बारे में बात नहीं की गई है। वे जानबूझकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने इस रिपोर्ट को अडानी समूह पर नहीं बल्कि भारत, भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता के साथ-साथ भारत की विकास गाथा और महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला बताया है। आपको बताते चलें की इस रिपोर्ट की वजह से अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई है।
Hindenburg Research : अडानी को हमारा जवाब
अडानी समूह के जवाब के बाद एक बार फिर Hindenburg Research ने पलटवार करते हुए ट्विट कर लिखा, “अडानी को हमारा जवाब: धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद या एक फूली हुई प्रतिक्रिया द्वारा अस्पष्ट नहीं किया जा सकता है जो हमारे द्वारा उठाए गए हर प्रमुख आरोप को नजरअंदाज करता है।”
Our Reply To Adani:
Fraud Cannot Be Obfuscated By Nationalism Or A Bloated Response That Ignores Every Key Allegation We Raisedhttps://t.co/ohNAX90BDf
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) January 30, 2023
Hindenburg Research : भारत उभरती हुई महाशक्ति
उन्होने अपने जवाब में आगे लिखा की, “हम मानते हैं कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और एक रोमांचक भविष्य के साथ एक उभरती हुई महाशक्ति है। हम यह भी मानते हैं कि अडानी समूह द्वारा भारत के भविष्य को रोका जा रहा है, जिसने व्यवस्थित रूप से देश को लूटते हुए खुद को भारतीय ध्वज में लपेट लिया है।”
Hindenburg Research ने अडानी समूह के जवाबों पर पलटवार करते हुए अपने प्रतिक्रिया में लिखा की, “घंटों पहले अडानी ने ‘413 पृष्ठ की प्रतिक्रिया’ जारी की। यह सनसनीखेज दावे के साथ शुरू हुआ कि हम “मैनहट्टन के मैडॉफ्स” हैं। इसने संभावित मुद्दों से ध्यान भटकाने की भी कोशिश की और इसके बजाय एक राष्ट्रवादी नैरेटिव को हवा दी, जिसमें दावा किया गया कि हमारी रिपोर्ट ‘भारत पर सुनियोजित हमला’ है। संक्षेप में अडानी समूह ने भारत की सफलता के साथ अपने जबरदस्त उत्थान और अपने Chairman Gautam Adani की संपत्ति को मिलाने का प्रयास किया है। हम असहमत है।”