मुग़ल शासनकाल में जितने भी राजा महाराजा भारत में शासन किये उनमें मुग़ल सम्राट अकबर सबसे अलग प्रभावशाली और शक्तिशाली राजा थे। अकबर एक बहादुर और शांतिप्रिय राजा था। उसकी सबसे खास बात यह है की उसने बचपन से राज्य चलाने का काम किया था।
अकबर ने शासन काल में ‘राम टका’ जारी किया
अकबर अपने शासन काल में अपनी प्रजा का और उनकी भावनाओं का बहुत ज्यादा ख्याल रखते थे मुग़ल सम्राट अकबर ने अपने शासन काल में में ‘राम टका’ जारी किया था इस सिक्कें पर भगवान राम और माता सीता चित्र बना हुआ है सिक्के पर धनुष और बाण धारण किए राम और सीता को एक साथ रखा गया है और ऊपर की तरफ लिखा है- रामसिया
सिक्के चांदी और सोने जैसे धातुओं से बने
सिक्के के दूसरी तरफ दर्ज शब्दों और अंकों से इतिहास का सुराग मिलता है। पता चलता है कि सिक्का कब का है। सिक्के पर लिखा है: “अमरद इलाही 50” यानी अकबर के शासन के 50 वर्ष। इस तारीख से स्पष्ट हो जाता है कि सिक्के की ढलाई सन् 1604-1605 में हुई थी। राम और सीता को चित्रित करने वाले सिक्के चांदी और सोने जैसे धातुओं से बने थे। तब इस तरह के सिक्के ‘मुहर’ कहलाते थे।
हिन्दू-मुस्लिम एकता पर बल देने के लिए कई नीतियां भी बनाईं
बता दें कि महज 13 साल की छोटी सी उम्र में मुगल राजवंश के सिंहासन पर बैठ गए थे और उन्होंने अपने मुगल सम्राज्य का न सिर्फ काफी विस्तार किया, बल्कि हिन्दू-मुस्लिम एकता पर बल देने के लिए कई नीतियां भी बनाईं। अकबर खुद अनपढ़ होने के बाद भी शिक्षा सबसे ज्यादा महत्व देते थे। लेकिन वे एक बुद्धिमान और ज्ञानी शासक थे, जिन्हें लगभग सभी विषयों में आसाधरण ज्ञान प्राप्त था।