लक्षद्वीप के NCP सांसद मोहम्मद फैज़ल PP की लोकसभा सदस्यता आज संसद ने बहाल कर दी है। संसद का ये फैसला मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से ठीक पहले आया है। केस की सुनवाई बुधवार 29 मार्च को जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच में होनी थी। ऐसे में लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी करते हुए फैजल की अयोग्यता खत्म होने की सूचना दी है।
जिसमे कहा गया की, “केरल हाईकोर्ट के दिनांक 25.01.2023 के आदेश के मद्देनजर, मोहम्मद फैजल पीपी की अयोग्यता, राजपत्र अधिसूचना संख्या 21/4(1)/2023/TO(B) दिनांक 13 जनवरी, 2023 द्वारा अधिसूचित भारत के संविधान के अनुच्छेद 102(1)सी) के प्रावधानों की शर्तों को जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 8 के साथ पढ़ा जाए, आगे की न्यायिक घोषणाओं के अधीन काम करना बंद कर दिया।”
राहुल मुद्दे के बीच आया संसद का फैसला
द्वीप के दो बार के सांसद मोहम्मद फैजल के मामले में फैसला ऐसे समय में आया है, जब देशभर में राहुल गाँधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने का मुद्दा चरम पर है।
बीते दिनों में सूरत सेशन कोर्ट द्वारा मानहानि के एक केस में राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके तुरंत बाद लोकसभा सचिवालय द्वारा संसद से राहुल की सदस्यता भी खत्म कर दी गई। और सरकारी आवास भी खाली करने का नोटिस दे दिया गया है। इस मामले में विपक्षी नेता संसद से लेकर सड़क तक प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में मोहम्मद फैजल की सदस्यता पहले रद्द करने और फिर सुप्रीमकोर्ट की सुनवाई के ठीक पहले अयोग्यता को रद्द करने का फैसला राहुल गांधी के लिए राहत साबित हो सकती है।
क्यों गई थी लक्षद्वीप सांसद की सदस्यता
लक्षद्वीप से NCP सांसद मोहम्मद फैजल PP समेत तीन लोग 2009 में एक व्यक्ति की हत्या के प्रयास से जुड़े केस में आरोपी थे। 11 जनवरी 2023 को लक्षद्वीप की एक सेशन कोर्ट ने इस केस में उन्हें 10 साल कैद की सजा सुनाई। इसके बाद फैजल को संसद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जिसके बाद चुनाव आयोग ने उपचुनाव की घोषणा कर दी थी।
इस फैसले के बाद फैजल ने केरल हाईकोर्ट का रुख किया। केरल हाईकोर्ट ने 25 जनवरी को फैजल की सजा पर रोक लगा दी थी। केरल हाई कोर्ट के जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस ने कहा था कि उपचुनाव में जबरन फिजूलखर्ची क्यों की जाए। खासकर तब जब लोकसभा का कार्यकाल डेढ़ साल के भीतर खत्म होने वाला है। इसके बाद चुनाव आयोग ने कोर्ट की बात मानकर उपचुनाव रोक दिया था।
जिस जल्दबाजी में सदस्यता रद्द की थी, बहाल भी करते
संसद द्वारा सदस्यता बहाल करने के फैसले पर सांसद ने कहा इस फैसले में देरी की गई है जिसको सही नहीं ठहराया जा सकता है। सांसद मोहम्मद फैजल ने कहा, ‘मेरी सदस्यता बहाल करने में देरी करने को सही नहीं ठहराया जा सकता। सचिवालय ने सजा मिलने के अगले ही दिन मुझे अयोग्य घोषित कर दिया था। ठीक उसी तरह मेरी सदस्यता बहाल करने में भी जल्दबाजी दिखाते।’