पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद को प्रयागराज MP/MLA कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण मामले में आरोपी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उमेश पाल अपहरण केस की सुनवाई पिछले 17 साल से लंबित चल रही है। जिसमे सुनवाई के लिए बीते दिनों अतीक को कड़ी सुरक्षा के बीच गुजरात के साबरमती जेल से प्रयागराज के नैनी जेल लाया गया था।
आज सुबह मामले के सभी 10 अभियुक्तों को MP/MLA कोर्ट के समक्ष पेश किया गया जिसमे अदालत ने अतीक अहमद, दिनेश पासी, खान दौलत हनीफ को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं मामले में अभियुक्त अतीक के भाई खालिद अजीम उर्फ़ अशरफ समेत अन्य 7 को बरी कर दिया है।
क्या था उमेश पाल मामला
पूर्व बाहुबली संसद अतीक अहमद को जिस मामले में आज प्रयागराज MP/MLA कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, वो पिछले 17 साल से लंबित था। मामला शुरू होता है 25 जनवरी, 2005 को हुए BSP विधायक राजू पाल के हत्या के बाद, जिसमे चश्मदीद के तौर पर सामने आये उस वक़्त के जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल।
उमेश पाल ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उनका अपहरण किया गया था। इस मामले में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ समेत 4 अज्ञात के खिलाफ 5 जुलाई 2007 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी, मगर अदालत में पेश किये आरोपत्र में 11 आरोपियों का जिक्र है।
अदालत ने IPC की धरा 364 A समेत कई धाराओं में माना दोषी
BSP विधायक राजू पाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह उमेश पाल के अपहरण मामले में स्पेशल MP/MLA कोर्ट ने अतीक अहमद समेत 2 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। स्पेशल MP/MLA कोर्ट द्वारा अतीक अहमद को IPC की धारा 364 A समेत कई धाराओं में दोषी करार दिया गया। जबकि अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत अन्य 7 निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया।
बीमारी, उम्र व जनप्रतिनिधि का हवाला दे कम सजा की हुई मांग
मामले में सुबह 28 मार्च को अतीक समेत तीनों दोषियों को दोषी करार दिए जाने के बाद सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई में अभियोजन ने अधिकतम सजा की सिफारिश करते हुए आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की गई। जबकि अतीक अहमद के वकील की तरफ से उसके बीमारी, उम्र और जनप्रतिनिधि होने का हवाला देते हुए कम से कम सजा की मांग की गई। इस दौरान मामले पर दोनों पक्षों में करीब घंटों तक बहस हुई, जिसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया।