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February 8, 2023 5:51 pm

बढ़ गई आपके घर व गाड़ी की EMI, रिज़र्व बैंक ने छठवीं बार बढ़ाई ब्याज की दरें

By Mohd Badruzzama Siddiqui
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मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी MPC की बैठक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक RBI ने रेपो रेट में 0.25% की बढ़ोतरी का फैसला किया है। जिससे मौजूदा रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है। रेपो दर वह ब्याज दर है, जिस पर बैंक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक RBI से कर्ज लेते हैं। रेपो रेट बढ़ने के साथ अब पर्सनल लोन, कार लोन और होम लोन सब महंगे होंगे और लोगों को अधिक EMI भी चुकानी पड़ेगी। वहीं रेपो रेट बढ़ने की वजह से लोगों को बैंकों में जमा फिक्स्ड डिपाजिट FD पर अब ज्यादा ब्याज दरें मिलेंगी। इस फैसले पर RBI का कहना है की इसे महंगाई को कंट्रोल करने के लिए मार्केट से कैश फ्लो कम करने के लिए किया गया है।

RBI ने क्‍यों बढ़ाया रेपो रेट

देश में बढती मंहगाई से निपटने के लिए रेपो रेट एक शक्तिशाली टूल है, जिसका उपयोग RBI आर्थिक संतुलन बनाये रखने के लिए समय समय पर परिस्थितियों के अनुसार करती है। देश में जब महंगाई बहुत ज्‍यादा होती है तो RBI रेपो रेट बढ़ा कर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। वहीं इसके विपरीत जब देश की आर्थिक स्तिथि बुरे वक़्त से गुजर रही होती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है, और तब ऐसी स्तिथि में RBI रेपो रेट कम करता है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सोमवार 6 फ़रवरी से शुरू हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक का आज अंतिम दिन है। 2 दिनसे चल रही बैठक में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ब्याज दरों से जुड़ी घोषणा की। और बताया की ये फैसला महंगाई को कंट्रोल करने के लिए मार्केट से कैश फ्लो कम करने के लिए किया गया है।

कितनी बार हुई बढ़ोतरी

RBI मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक हर दो महीने में होती है। इसके अलावा कई बार विशेष परिस्थिति में भी MPC की बैठक होती है और फैसले किये जाते हैं। RBI द्वारा पिछले 6 MPC की बैठकों में 2.50% की बढ़ोतरी की गई है। इस वित्त वर्ष की पहली मीटिंग अप्रैल में हुई थी। तब RBI ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था, लेकिन RBI ने 2 और 3 मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया था। इसके बाद 6 से 8 जून को हुई मीटिंग में रेपो रेट में 0.50% इजाफा किया। इससे रेपो रेट 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गई। फिर अगस्त में इसे 0.50% बढ़ाया गया, जिससे ये 5.40% पर पहुंच गई। सितंबर में ब्याज दरें 5.90% हो गई। फिर दिसंबर में ब्याज दरें 6.25% पर पहुंच गई। अब ब्याज दरें 6.50% पर पहुंच गई है। इस बढ़े हुए रेपो रेट से सबसे ज्यादा झटका आम आदमी को लगा है। आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ गया है।

क्या पुराने लोन की भी बढ़ेगी EMI

रेपो रेट बढ़ने की वजह से अब लोने की दरें और EMI की किस्तें बढ़ जाएगी, पर ऐसे में लोगों का सवाल होता है की क्या पुराने लोने की किस्तें भी बढ़ जाएँगी।आपको बता दें, लोन की ब्याज दरें 2 तरह से होती हैं फिक्स्ड और फ्लोटर। फिक्स्ड में आपके लोन कि ब्याज दर शुरू से आखिर तक एक जैसी रहती है। इस पर रेपो रेट में बदलाव का कोई फर्क नहीं पड़ता। वहीं फ्लोटर में रेपो रेट में बदलाव का आपके लोन की ब्याज दर पर भी फर्क पड़ता है। ऐसे में अगर आपने फ्लोटर ब्याज दर पर लोन लिया है तो EMI भी बढ़ जाएगी। पर अगर आपका लोने फिक्स्ड दर पर है तो पुराने दर ही किस्तों का भुगतान करना होगा।

This post was published on February 8, 2023 5:51 pm

Mohd Badruzzama Siddiqui