किसी सपने के पीछे सच्चे मन और दिल में श्रद्धा लिए दौड़ लगाई जाए तो सृष्टि का हर एक कण उस सपने को साकार करने में अपना पूरा योगदान देता है। कुछ ऐसी ही कहानी है कपिल शर्मा शो के परुषोत्तम बने विवेक कुमार की, जिन्होने गोरखपुर जैसे शहर और साधारण माध्यमवर्गी परिवार से निकल कर मायानगरी तक का सफर तय किया है।
विवेक अपने कॉलेज के दिनों में गोरखपुर जैसे शहर जहां आज भी सिनेमा के नाम पर कुछ सिनेमा हाल ही मिलेंगे और शहर का चर्चित रंगाश्रम रंगमंच जिसकी शुरुआत इस प्रतिशोध के साथ शुरू हुई थी की शहर में प्रेक्षागृह बनाया जाए। 23 वर्षीय विवेक ने अपने सिनेमा के सफर की शुरुआत इसी रंगाश्रम रंगमंच से की थी और आज देश के चर्चित कॉमेडी शो द कपिल शर्मा शो में एक्टिंग व राइटिंग का काम करते हैं।
विवेक के इस सफर को करीब से जानने के लिए मीडिया लैंड नेटवर्क ने उनसे ख़ास बात-चीत की है। तो चलिए रूबरू करते हैं कपिल शर्मा के विवेक से –
साधारण माध्यमवर्गी परिवारों में बच्चों से बहोत सी अपेक्षाएं होती हैं आप से भी रही होंगी आपको इस फिल्ड में जाने से रोका नहीं गया ?
नहीं शुरुआत में मैंने किसी को पता ही नहीं चलने दिया, तो रोकेंगे कैसे। वो तो जब उनको पता चला इस फील्ड में जाना चाहता है और इस फील्ड में जाना चाहता है मान गए थे। दरसल, जब 2015 में गोरखपुर के एक प्रोग्राम में मुझे बेस्ट परफॉर्मर का प्राइस राजपाल यादव ने दिया तो पिता जी से उन्होंने बोलै कि लड़के को जो करना चाहता है वो करने दीजिए। अब तो माता जी और पिता जी दोनों बहोत खुश हैं।
पता चला है कि आप कोचिंग छोड़ कर ड्रामा रिहल्सल करने चले जाते थे इस पर थोड़ा विस्तार से बताएं ?
जब मैंने रंगाश्रम ज्वाइन किया तो वो लोग बोले सुबह 7 बजे से शो चलता है। पर हम तो आईएएस बनना चाहते थे। पर फिर दिमाग में एक तरफ ये भी चलता था कि आईएएस नहीं निकाल पाऊंगा, क्यूंकि कक्षा 9 व 10 की किताबें पढ़ना ही बहोत मुश्किल था फिर आईएएस के लिए तो पता नहीं कौन-कौन से घाटी का इतिहास पढ़ना पड़ता (अपने शो वाले कैरेक्टर के अंदाज़ में)।
हंसते हुए सवाल किया, विवेक आप इसी अंदाज़ में ही बाते करते हैं या आपका यही रिदम ही बन गया है ?
नहीं नहीं मैं नॉर्मल ही बोलता हूं (वापस अंदाज़ बदलते हुए) जैसे अभी बोल रहा हूं, जब मै कैरेक्टर में आ जाता हूं तो भूल जाता हूं, बह जाता हूं किरदार में मुझे समझ ही नहीं आता है की ओरिजिनल क्या है। मेरा ये लहज़ा बहोत फनी है और इसे अब मै पकड़ लिया हूं कि ये मेरा प्लस पॉइंट है और इसी पर मुझे काम करना है।
बैंक की तैयारी वाला पूरा प्रकरण क्या है ?
ये वही है कि जब मै रंगाश्रम ज्वाइन किया तो सुबह 7 बजे का कॉल टाइम था रिहल्सल के लिए। तो हम घर वालों को बता कर जाते थे कि एसएससी बैंक कि तैयारी कर रहे हैं। तो घर वाले साधारण माध्यम परिवार वालों कि तरह पूछने लगे कितना पैसा लग रहा है। उनका ये था की कहीं पैसे ज़्यादा तो नहीं लगेंगे उसका इंतेज़ाम किया जाए। हम कहे नहीं फ्री है। फ्री में पढ़ा रहे हैं। हम टेस्ट दिए थे पास हो गए मास्टर बहोत खुश हैं।
इस तरह लगभग डेढ़ सालों तक चुप के मै सुबह 6 बजे घर से निकलता था नाटक करता था, रिहल्सल करने के बाद घर आता था। फिर पढाई भी होती थी उसे भी करना होता था। पढाई भी कहां होती थी दोस्तों के साथ जो जोक़ हैं, जैसे गूगल से कुछ पेपर में आता था सांता-बंता कर के वो मई दोस्तों के बीच सुनाता था तो वे बड़ा खुश होते थे। तो वहां से मोटिवेशन मिलता चला गया तो मै सोचा की अब फैमिली को बताने है। पर कैसे क्या होगा दर तो था ही और अपने तरफ तो और दर है कि ये अगर नहीं जाने देंगे तो आईएएस, डॉक्टर, इंजिनियरिंग यही सब करना पड़ेगा।
फिर आप ने घर वालों को कैसे मनाया ?
मैंने बहोत सोचा उसके बाद ये प्रण लिया की कुछ ऐसा कर के जाऊंगा कि अपने मम्मी-पापा को बता सकूँ की मै इस फील्ड में जाना चाहता हूँ। तभी यहाँ गोरखपुर बेस्ट ड्रामेबाज़ होने वाला था राजपाल यादव मुख्य अतिथि आये हुए थे और मै अपने पुरे परिवार के साथ गया मम्मी की तरफ के भी और पापा के तरफ के भी।
इसके लिए मैंने घर पर बताया कि जो एसएससी बैंक की तैयारी करता हूं वहीँ कार्यक्रम है राजपाल यादव आ रहे हैं। तो पापा को लगा यार राजपाल यादव एसएससी बैंक कि तैयारी में क्यों आएगा। हम बोले एनुअल फ़ंक्शन है मुख्य अतिथि में वो आ रहे हैं। कोचिंग संचालक के दोस्त हैं इसलिए आ रहे हैं। फिर हम पुरे परिवार को लेकर गए और आपको विश्वास नहीं होगा सबके सामने मैंने मिमिकरी किया, नाटक भी किया डांस किया और विनर बना पूरा परिवार ये देख खुश हो गया सभी ने कहा बहोत अच्छा किया तुमने इसमें बहोत अच्छे हो तुम यही करो तुम इसी फील्ड में जाओ।
फिर अपने इसके आगे का सफर कैसे तय किया ?
ऐसे जर्नी की शुरुआत हुई फिर धीरे-धीरे करते-करते लिंकअप भी मिलने लगा। मेरे इस सफर में बहोत बड़ा योगदान अभय कुमार शर्मा का है जिन्होने मुझे कपिल शर्मा शो तक पहुँचाया है। अभय भइया से मेरा बहोत अच्छा रिलेशन रहा है, उनके माध्यम से मै पहुंचा उनके लिए मै स्क्रिप्ट लिखता था, वो लाफ्टर चैलेंज में थे 2017 में तो उनके माध्यम से मै मिला अंकुश अरोरा सर से वो कपिल शर्मा शो के कंटेंट हेड थे। तो फिर उनसे रिश्ते अच्छे हुए जान-पहचान के बाद फिर उन्होने बुलाया अपने पास लिखने के लिए 2021 में तबसे लगातार मै वहां काम कर रहा हूं।
आप वहां शुरू से एक्टिंग कर रहे हैं ?
एक्टिंग जो है, पहले मै वहां एक्टिंग में नहीं गया था मै कंटेंट राइटिंग ही करता था तो उसमे एक हिरा अरोरा सर हैं। जो मेरे सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं और मेरे पुराने वीडियोस भी देखेते थे, उन्होने मुझे बोला तू एक्टिंग अच्छा करता है मैंने तुम्हारा पुराना वीडियो देखा है। जहाँ ज़रूरत पड़ेगी छोटे कैरेक्टर की जगह बनेगी तो वो तुम कर लेना। देखते हैं ट्राई करते हैं। मैंने किया और फिर लगातार बैक टू बैक करता ही चला गया।
मेरे इस टोन की वजह से अच्छा लगा अभी ऐसा है की पूरी टीम बहोत सपोर्ट करती है एक्टिंग के फील्ड में तो बहोत अच्छा लगता है। कपिल शर्मा सर भी बहोत खुश होते हैं कहते हैं तुम्हारा टोन बहोत अच्छा है ऐसे ही करते रहो छोटे-छोटे जो भी मिलते हैं।
आपका आइडियल कौन है ?
मेरे तो एम्बिशन थे कपिल शर्मा, अब मान लीजिये कपिल शर्मा मेरे आइडियल थे अब मै उनके सामने रेगुलर उनको देख रहा हूं, उनके सामने परफॉर्म कर रहा हूं मेरे लिए तो बहोत बड़ी बात है जादू है जादू ये सब मेरे लिए। अब ये जादू पता नहीं कैसे क्या हुआ कि लगता है मई अभी सपने में हूँ। पर जो लोग मुझे मिलते चले गए जिसके साथ मै काम करता हूँ ये लोग बहोत सपोर्टिव थे और आज भी सपोर्ट करते हैं।
आप कपिल शर्मा शो पर रहते हैं अलग-अलग सेलेब्स के साथ, फिर जब आप अपने घर आते हैं तो वो पुराने बचपन के दोस्तों से मिलते हैं क्या बात होती है ?
हँसते हुए, बहोत कमा ताड़े बाबू, बहोत कमा रहे हो। अरे यार पहले पूछो तो कैसा रहा क्या रहा क्या कर रहे हो, सब बढ़िया तो चल रहा है ना ये सब नहीं पूछेंगे। सीधे वाह बाबू वाह लगता है नया जूता कसया है (लिया है) हज़ार रुपये का। हम बोलते हैं तुम्हारी जुटे पर नज़र क्यों रहती है बे, हाल चाल पूछो मै भी तो पूछ रहा हूं। मतलब ये है की सब मिल के खिंचाई करते हैं कि लौंडा कमा रहा है। फोटो खींचते हैं पर मुझे थोड़ा अजीब लगता है यार मई तो वही हूँ पुराना दोस्त तुम्हारा फोटो लो मगर दोस्त की तरह सेलिब्रिटी समझ के नहीं बचपन तुम सब के साथ ही तो गुज़ारा है।
दोस्त बड़े स्टार के साथ फोटो की डिमांड करते हैं ?
हां कहते हैं आएंगे एक दिन तो फिर मिलवाना उनसब से थोड़ा परिचय कराओ न० वगैरह दिलवाओ बात किया जाए। विवेक मुस्कुराते हुए न० तो हमें नहीं मिला तुमको दिलाएं। एक दोस्त मेरा अल्लू अर्जुन का दोस्त है तो कहता है कभी आये अल्लू अर्जुनवा तो बताना आ जायेंगे फ्लाइट लेकर मैंने पूछा पैसे हैं तो कहता है वो तो तुम कराओगे ना। हँसते हुए अच्छा चलो करा दूंगा। ऐसे बातें करते हैं की, यार तुम तो सबसे मिलते होंगे सबके साथ खाना-पीना सोना सब साथ साथ, उनको लगता है की सेट ही हमारी दुनिया है। खैर ये सब सुनकर हमें अच्छा भी लगता है।
अच्छा आप पैसे की बात कर रहे थे, उसपर आते हैं कितनी कमाई हो जाती है वहां ?
शर्माते हुए विवेक, अरे समझिये हो जाती है, मतलब ठीक-ठाक भगवन ने चाहा तो जल्द ही बांग्ला गाडी आ जायेगा जिस तरहज से काम कर रहा हूं।
अभी किस फिल्म में काम कर रहे हैं और आगे कौन सा ऐड आने वाला है ?
अभी फिल्म तो एक की है संजय दत्त सर के साथ जो 2023 में ही आ जाएगी बाकि एक घडी डिटर्जेंट का आड़ भी किया है जो आ रहा है आजकल। और आगे फिल्म तो करनी ही है। फिल्म के लिए ऑडीशिन दे रहे हैं, जो देना ही पड़ता है चाहे जो भी कैरेक्टर करें।
बड़ी गाड़ियों व बढ़िया लाइफ स्टाइल का भी शोख होगा अपने आइडियल जैसा ?
नहीं अभी तो मेरा फोकस ये है कि मम्मी-पापा के लिए जितना हो सके कर सकूँ क्यूंकि मेरे लिए उन्होने बड़े त्याग किये हैं। हर किसी का सपना होता है पर बच्चों के सपनो के सामने सब सरेंडर कर जाते हैं मेरे लिए उन्होने इतना कुछ किया है। यहाँ तक पहुँचाया है, तो मेरा भी अब फ़र्ज़ बनता है की उनके लिए कुछ करूँ। अभी यही है की जितना हो सके मम्मी-पापा के सपने को पूरा करें क्यूंकि वो खुश हैं तो मई आगे बढ़ रहा हूँ।
जो लोग आपके एक्टिंग के फिल्ड में जाना चाहते हैं, पर परिवार से रोक दिया जाता है वैसे परिवार को आप क्या सन्देश देना चाहेंगे ?
पहले तो अगर आप यकीं कर रहे बच्चे पर तो एक मौका उनको देना चाहिए और दीजिये। और फिर मां-बाप ने मौका दिया है तो ये आपकी ज़िम्मेदारी है की उनकी उम्मीदों पर खरा उतर कर दिखाइए उनको ये विश्वाश दिलाइये की आप जो कर रहे हैं वो आपके लिए बेहतर है। अपने काम में आप अपना 100% दीजिये बाकि आगे किस्मत है जिसको जहाँ ले जाए। मैंने अपने केस में मन है की अगर 10% मेरी मेहनत है तो 90% मेरी किस्मत है जो मई यहाँ तक पहुंचा हूं।